– शराब की अवैध बिक्री का विरोध करने पर दिया था घटना को अंजाम
The kidnapper was the son of Chhota Rajan’s gun supplier, DDC : मुखानी थानाक्षेत्र में सोमवार रात हुए अपहरण और लूट के मामले बड़ी बात सामने आई है। खनन कारोबारी का अपहरण और लूट करने वाला कोई और नहीं बल्कि अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के गन सप्लायर दीपक सिसोदिया का बेटा अजय सिसोदिया है। घटना में घायल का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दो नामजद सहित 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
प्रेमपुर लोश्ज्ञानी मुखानी निवासी देवेंद्र कुमार आर्य खनन कारोबारी हैं। देवेंद्र के मुताबिक सोमवार रात वह अपने भाई के साथ गैस गोदाम रोड पर टहल रहे थे। तभी दो गाड़ियों में सवार 10 से 15 लोग वहां पहुंच गए। इससे पहले वह कुछ समझ पाते, वाहन सवार नीचे उतरे और उन पर हमला कर दिया। सभी असलहों, चाकू और डंडों से लैस थे। देवेंद्र के सिर पर हमला किया और उन्हें गाड़ी में डाल लिया। उन्हें रास्ते भर पीटा और हजारों की नगदी व दो मोबाइल लूटकर आरटीओ पुलिस चौकी से करीब ढाई किलोमीटर आगे रामपुर रोड की ओर फेंक कर फरार हो गए।
बुधवार को देवेंद्र बोलने की स्थिति में आए तो बताया कि उन पर हमला दीपक सिसोदिया के बेटे अजय सिसोदिया ने किया था। उसके साथ मुखानी निवासी त्रिभुवन पाल पुत्र विनय पाल और 10-15 लोग थे। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
देवेंद्र के मुताबिक दीपक सिसोदिया मुंबई में हुए चर्चित पत्रकार जेडे हत्याकांड में उम्र कैद की सजा भुगत रहा है और महाराष्ट्र की अमरावती जेल में बंद है। बता दें कि जेडे हत्याकांड के लिए दीपक ने असलहा मुहैया कराया था। मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता ने बताया मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सालों से शराब के अवैध कारोबार में लिप्त है अजय
देवेंद्र का कहना है कि अजय सिसोदिया सालों से शराब के अवैध कारोबार में लिप्त है। उसकी वजह से पूरे मोहल्ले का माहौल खराब है। देवेंद्र से दुश्मनी की वजह भी शराब का यही अवैध कारोबार है। देवेंद्र, अजय के इस धंधे का विरोध करता है और इसी के चलते उसने सोमवार रात अपहरण कर उसके साथ लूटपाट और मारपीट की।
चल नहीं पाता था, लेकिन पैरोल से हो फरार हो गया
अंडरवर्ल्ड डॉन का करीबी दीपक सिसोदिया वर्ष 2011 में मुंबई में हुए पत्रकार जेडे की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा था। वर्ष 2022 जनवरी माह में मुंबई की अमरावती सेन्ट्रल जेल से पैरोल पर छूटकर हल्द्वानी आया। उसे मार्च में वापस जेल में जाना था, लेकिन दीपक पैरोल से फरार हो गया, जबकि उस समय वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। मुंबई पुलिस ने हल्द्वानी कोतवाली में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। एसएसपी नैनीताल ने 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया। एक साल तक दीपक की गिरफ्तारी के प्रयास चलते रहे और सितंबर 2023 में एसटीएफ ने उसे भारत-नेपाल बॉर्डर बनबसा से गिरफ्तार कर लिया।