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हल्द्वानी में युवक का अपहरण, वायरल हुआ वीडियो, अधमरा कर बांदा में फेंका

– 6 मई को कार सवारों ने ईएनटी हॉस्पिटल के पास से किया था अपहरण, पुलिस पीछे पड़ी तो छोड़ कर भागे अपहर्ता

Kidnapping of a youth in Haldwani, DDC : चार दिन पहले उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी सिटी के मुखानी थानाक्षेत्र से कार सवारों ने 27 साल के तुषार का अपहरण कर लिया था। हल्द्वानी से चित्रकूट तक कार में उसे बुरी तरह पीटा गया। खेत के बीच में बने एक घर में उसे बंधक बनाकर रखा और पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। पुलिस आरोपियों के पीछे पड़ी और जब आरोपियों की इसकी भनक लगी तो वह तुषार को अधमरी हालत में बांदा उत्तर प्रदेश में सड़क किनारे फेंक कर फरार हो गए। पुलिस ने तुषार को गंभीर अवस्था में बरामद किया है और उसका सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में उपचार चल रहा है। घटना के पीछे 22 लाख रुपये के लेन-देन की बात सामने आ रही है। हालांकि परिजन पुलिस की इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते।

गली नंबर एक तल्ली बमौरी निवासी गिरीश चंद्र पीडब्लयूडी में संविदा कर्मी हैं और बीती 6 मई को कुछ कार सवार लोगों ने गिरीश के बेटे तुषार का उस वक्त अपहरण कर लिया, जब वह घर से टहलने निकला था। कार सवारों ने सुबह साढ़े 10 बजे के करीब कालाढूंगी रोड स्थित ईएनटी हॉस्पिटल के पास से उठाया था। मुखानी पुलिस को गिरीश ने कपिल तिवारी और आलोक रंजन तिवारी के खिलाफ नामजद तहरीर दी थी और बताया था कि आरोपी उसके बेटे को अगवा कर फरीदाबाद ले गए थे। जिसके बाद से आरोपी लगातार उन्हें फोन कर रहे हैं। बेटे को पीट रहे हैं और बेटे के जरिये 22 लाख रुपए फिरौती की मांग कर रहे हैं।

इस मामले में मुखानी पुलिस ने आनन-फानन में मुकदमा दर्ज किया और आरोपियों की गिरफ्तारी व तुषार को सकुशल बरामद करने के लिए एक टीम को रवाना किया। तुषार के पिता गिरीश ने वह फोन नंबर भी पुलिस को दिए, जिसके जरिये उन्हें 22 लाख रुपए न देने पर बेटे को जान से मार डालने की धमकी दी जा रही थी। पुलिस उक्त नंबरों को सर्विलांस पर लगाया और पता लगा कि आरोपी, तुषार को चित्रकूट उत्तर प्रदेश ले गए हैं। इधर, आरोपियों को भी भनक लग चुकी थी कि पुलिस उनकी तलाश में है और जल्द ही वह सलाखों के पीछे होंगे।

खुद को फंसता देख फेंक गए अपहर्ता
खुद को फंसता देख आरोपी, तुषार को लेकर चित्रकूट से लेकर निकले और एनएच-35 पर बांदी से 37 किमी पहले छोड़कर फरार हो गए। मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता ने बताया कि तुषार को बरामद कर लिया गया है। घटना को 22 लाख रुपयों के लिए अंजाम दिया गया था। इस घटना में नामजद अभियुक्तों समेत चार लोग शामिल थे। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

लगातार कर रहा उल्टियां, कमर, कंधा और गर्दन में चोट
तुषार को अपहर्ताओं ने बुरी तरह पीटा है। अपहर्ताओं ने जब तुषार की उसके परिजनों से फोन पर बात कराई थी, जब वह चीख रहा था और कह रहा था पापा इन्हें 22 लाख रुपये दे दो, वरना ये लोग मार डालेंगे। अब जब तुषार को पुलिस ने बरामद किया तो पता लगा कि उसे बुरी तरह पीटा गया। उसके कमर, कंधे और गर्दन में चोट है। गिरीश ने बताया कि तुषार लगातार उल्टियां कर रहा है। उसे बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है।

जिसने किया अपहरण, उसके साथ शुरू किया था स्टार्टअप
इस अपहरण के पीछे पहले दिन से ही लेन-देन का मामला सामने आ रहा था और तुषार की बरामदगी के बाद यह स्पष्ट भी हो गया। पुलिस के मुताबिक तुषार ने एक आलोक नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर स्टार्टअप शुरू किया था। आलोक, तुषार का मालिक था, जो स्टार्टअप के बाद पार्टनर बन गया। हालांकि यह स्टार्टअप चल नहीं पाया और भारी नुकसान उठाना पड़ा। आलोक ने तुषार को 22 लाख रुपये का लेनदार बना था और इन्हीं रुपयों के कारण उसने साथियों के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया।

परिजन बोले, बेटा गवाही न दे दे, इसलिए किया अपहरण
पुलिस घटना के पीछे रुपयों के लेन-देन की बात कह रही है, लेकिन तुषार का कहना है कि आरोपियों को उसके मालिक से विवाद है। एक रोज आलोक रंजन ने उसके मालिक के घर हमला किया और यह घटना भी सीसीटीवी में कैद हो गई। मालिक ने आलोक रंजन पर मुकदमा कर दिया। आलोक चाहता है कि इस मामले से तुषार दूर रहे और उसके खिलाफ कोर्ट में गवाही न दे। बस इसी वजह से उसका अपहरण किया गया और सादे कागज पर जबरन उसका अंगूठा लिया गया।

तुषार को सीट के नीचे डाला और पैर से दबाकर रखी गर्दन
तुषार की हालत नाजुक है, लेकिन फिर वह बात कर पा रहा। सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि किस तरह चार लोग उसे मिलकर जमीन पर घसीटते हुए कार तक ले गए। कार के अंदर न जाने पर उसे बुरी तरह पीटा और उठा ले गए। तुषार के मुताबिक आरोपियों ने उसे कार की सीट के नीचे डाल दिया और वह मदद के गुहार न लगा पाए, इसलिए उसकी गर्दन को अपने पैरों से नीचे दबाकर रखा ता। उसे रास्ते भर पीटा गया और खेत के बीच बने एक ऐसे घर में कैद कर प्रताड़ित किया गया, जहां दूर-दूर तक आबादी नहीं थी।

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