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महाकुंभ में 30 लोगों की मौत, मौनी अमावस्या पर आधी रात मची थी भगदड़

– हादसे पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया दुख, करीब 60 लोग हुए घायल

Stampede in Maha Kumbh, DDC : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला के दौरान बुधवार की रात एक बड़ा हादसा हो गया। मौनी अमावस्या के अवसर पर जब श्रद्धालु गंगा में स्नान के लिए घाटों पर पहुंचे, तभी एक घाट पर अचानक भगदड़ मच गई। जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और 90 लोग घायल हो गए। प्रशासन ने इस हादसे का कारण घाटों पर लगे बैरिकेड्स का टूटना और भीड़ का एकत्र होना बताया। डीआईजी, महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने बताया कि श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त के समय घाटों पर लेटे हुए थे और अचानक भीड़ बढ़ने से यह दुर्घटना घटी। घटना में 30 लोगों की मौत हुई है, जबकि 25 की शिनाख्त कर ली गई है और 90 घायलों का इलाज चल रहा है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार राहत कार्य में पूरी तरह से सक्रिय है। हालांकि, उन्होंने अभी तक मृतकों की संख्या की पुष्टि नहीं की है, लेकिन घायलों के इलाज के बारे में जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि कोई भी नकारात्मक अफवाह न फैलाए और स्थिति को नियंत्रित करने में सहयोग करें।

घटना के बाद सुरक्षा और राहत कार्य
हादसे के तुरंत बाद प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज़ किया और घायलों को उपचार के लिए अस्पतालों में भेजा गया। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओएसडी आकांक्षा राणा ने बताया कि कुछ जगहों पर बैरियर टूटने से भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य है।

घटना के बाद सभी अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के स्नान को रद्द कर दिया है। अखिल भारतीय परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भगदड़ की घटना के बाद जनहित में यह निर्णय लिया गया है कि अब मौनी अमावस्या का स्नान नहीं होगा।

चश्मदीदों का बयान
चश्मदीदों का कहना है कि घटना के समय सुरक्षा कर्मियों से मदद मांगी गई, लेकिन उन्हें सही समय पर सहायता नहीं मिल पाई। एक महिला ने बताया कि भगदड़ के दौरान प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली और लोग घायल हो गए। एक अन्य व्यक्ति ने दावा किया कि सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण यह हादसा हुआ, और उनकी मां का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

मौनी अमावस्या पर अनुमानित भीड़
प्रशासन ने पहले ही अनुमान जताया था कि मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच सकते हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वे एक ही घाट पर स्नान करें और भीड़ से बचें, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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