– अल्मोड़ा में बिनसर के जंगल में लगी आग में जलकर मर गए थे चार लोग, बड़े अफसर सस्पेंड
Minor fire watcher burnt to death in Binsar forest, DDC : जंगल में लगने वाली आग के लिए सीधे तौर पर वन विभाग जिम्मेदार है, लेकिन बात जब मौत की हो और वो भी नाबालिग… तो आप क्या कहेंगे। जी हां, अल्मोड़ा के बिनसर सेंन्चुरी के बुरूस कुटिया में लगी आग में जिन 4 लोगों की मौत हुई थी, उनमें से एक नाबालिग था और वो वन विभाग का फायर वाचर था। है न ताज्जुब की बात कि वन विभाग ने एक नाबालिग को फायर वाचर बना दिया।
वन विभाग ने मृतकों के जो नाम दिए हैं उसमें पहला नाम हैं त्रिलोक सिंह मेहता वन बीट अधिकारी बिनसर रेंज, सिविल एवं सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा। दूसरा नाम दीवान राम दैनिक श्रमिक, निवासी ग्राम सौड़ा, कपड़खान, अल्मोड़ा। तीसरा नाम है पूरन सिंह, पीआरडी जवान, निवासी ग्राम कलौन, अल्मोड़ा और चौथा नाम है करन आर्या उम्र 21 साल पुत्र आनन्द राम राम, फायर वाचर निवासी ग्राम भेटुली, अयारपानी, अल्मोड़ा। ये वही करन है जिसकी उम्र वन विभाग 21 साल कहता है और दस्तावेज उम्र को 17 से भी कम बताते हैं।
मौत के वक्त 17 साल का भी नहीं हुआ था करन
ये चौथा नाम करन कई सवाल खड़े कर रहा है। जब हमारी टीम करन आर्या के घर पहुंची तो पता चला करन की उम्र 21 नहीं 17 साल है। इसी साल करन ने बारहवीं की परीक्षा पास की है। करन के घर में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले उसके पिता आनन्द राम और करन का छोटा भाई दीपांशु कुमार ग्यारवीं का छात्र है। दीपांशु ने बताया कि करन की उम्र 17 साल है। आधार कार्ड में करन की उम्र 13 जून 2024 दर्ज है, जिसके मुताबिक वह अभी 17 साल का भी नहीं है। आधार कार्ड के अनुसार जब उसकी मौत हुई वह 16 साल, 8 महिने, 24 दिन का था।
सेना में भर्ती होना था, फायर वाचर बन गया नाबालिग करन
तीन महीने पहले करन को फायर वॉचर की नौकरी मिली थी, लेकिन तीन महीने से उसको कोई वेतन नहीं मिला था। करन की मौत से घर में मातम है। दिहाड़ी काम करने वाले पिता आनन्द राम बदहवास हैं और मां कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। करन के दोस्तों ने बताया कि करन पढ़ने में तेज था। वह भारतीय सेना में शामिल होने का ख्वाब देख रहा था। सेना में भर्ती के लिए उसकी उम्र कम थी। पेट की भूख ने उसे फायर वॉचर बना दिया। देश की सेवा करने का सपना देखने वाला किशोर जंगल की आग में जिंदा जल मरा।
सीसीएफ कुमाऊं, चीफ कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ सस्पेंड
करन की मौत प्रशासन की अंधेरगर्दी की कहानी उजागर करती है। प्रशासनिक अधिकारियों ने करन के घर वालों से पहले मौत की बात छिपाई। करन की मौत के दो घंटे बाद उन्हें को सूचना दी गई। चार लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीसीएफ कुमाऊं और चीफ कंजरवेटर नॉर्थ के साथ डीएफओ अल्मोड़ा ध्रुव मर्तोलिया को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन सवाल सबसे बड़ा यह है कि नाबालिग करन को किसने फॉयर वॉचर बनाया और उसका मेहनताना भी उसे नहीं दिया।