– आत्महत्या के लिए उकसाने समेत तीन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
Divyanshu’s death case, DDC : दिव्यांशु की मौत के मामले में पुलिस ने उसी के दोस्त सुमित यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। सुमित ही वह पहला व्यक्ति था जो न सिर्फ मौके पर पहुंचा, बल्कि उसके शव को पेड़ से नीचे भी उतारा। पुलिस ने दिव्यांशु के पिता की तहरीर पर आरोपी सुमित के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
दौलिया गांव हल्दूचौड़ निवासी गोपाल दत्त पांडे पुत्र स्व.नंदबल्लभ पांडे के 20 वर्षीय बेटे दिव्यांशु ने शनिवार को दमकल से लगे जंगल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। दिव्यांशु ग्राफिक ऐरा हल्दूचौड़ में बी-कॉम ऑनर्स तृतीय सेमेस्टर का छात्र था। पुलिस को दी तहरीर में गोपाल ने लिखा, दिव्यांशु और उसके मित्र सुमित यादव के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था। सुमित लगातार दिव्यांशु को मानसिक रुप से प्रताड़ित कर रहा था। गोपाल ने कई बार समझाया भी, लेकिन सुमित नहीं माना।
इसके उलट सुमित ने दिव्यांशु को फोन और मैसेज के अलावा व्यक्तिगत रूप में मिलकर परेशान करता रहा। 7 दिसंबर की सुबह करीब साढ़े 8 दिव्यांशु कॉलेज के लिए घर से निकला था। दोपहर को दिव्यांशु का कॉल आया। उसने घर के सदस्यों से बात करते हुए बताया कि वह कॉलेज से घर आ रहा है। इसके थोड़ी देर बाद ही सुमित यादव ने कॉल कर बताया कि दीपांशु मर गया है और धमकी दी कि यदि उसे इस मामले में उसे फंसाया गया तो वह पूरे परिवार को खत्म कर देगा। थोड़ी देर बाद जब सुमित को घरवालों ने वीडियो कॉल की तो वीडियो कॉल पर भी उसने धमकी देते हुए कहा कि तुम्हारा बेटा मर गया और अगर मैं फंसा तो बाहर आकर तुम्हारे पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा।
गोपाल का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इस घटना में सुमित के अलावा दो-तीन लोग और शामिल हैं। कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि गोपाल की तहरीर पर आरोपी सुमित के खिलाफ बीएनसी की धारा 108, 351(2) व 351(3) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि छात्र के मौत के मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। इस मामले में जो तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहती है सुमित के खिलाफ दर्ज तीन धाराएं
– बीएनसी की धारा 108 : किसी को आत्महत्या करने के लिए कहना, उसे ऐसा करने के लिए कोई सामान देना या उसे मजबूर करना। जहर, हथियार या इस प्रकार के कार्य को करने का तरीका बताकर सहायता करना। किसी को परेशान करना, गलत सोचने के लिए मजबूर करना या लगातार आत्महत्या के बारे में सोचने के लिए मजबूर करना।
– बीएनएस की धारा 351(2) : जो कोई भी किसी व्यक्ति के सम्मान को नुकसान पहुंचाने या कोई भी कार्य करने के लिए मजबूर करने की धमकी देने का दोषी पाया जाता है।
– बीएनएस की धारा 351(3) : यदि धमकी में मृत्यु की धमकी, गंभीर शारीरिक क्षति या आग से महत्वपूर्ण संपत्ति का नुकसान या मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध शामिल है, तो सजा बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में, अपराधी को कारावास का सामना करना पड़ सकता है सात साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों।
सुमित की दी टी-शर्ट को बनाया फांसी का फंदा
सुमित और दिव्यांशु के बीच गहरी दोस्ती थी और इसका सुबूत है वो लाल टी-शर्ट, जिसे दिव्यांशु ने फंदा बनाकर फांसी लगाई। सूत्रों का कहना है कि सुमित और दिव्यांशु के बीच दोस्ती में एक तीसरा व्यक्ति आ गया था, जिसकी वजह से दोनों की दोस्ती में दरार पड़ गई। दिव्यांशु इस दरार को कम करने की कोशिश कर रहा था और सुमित को यह नागवार गुजर रहा था। गहरी दोस्ती के दौरान सुमित ने दिव्यांशु को लाल रंग की टी-शर्ट उपहार में दी थी, लेकिन जब दोस्ती टूटी तो दिव्यांशु ने उसी टी-शर्ट को फांसी का फंदा बना लिया।
पुलिस बहुउ्ददेश्यीय भवन में पहुंचे ग्रामीण, कार्रवाई की मांग
इकलौते बेटे दीव्यांशु की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। रविवार को दीव्यांशु के पिता दर्जनों ग्रामीणों के साथ पुलिस बहुउद्देश्यीय भवन के बाहर पहुंचे। अधिकारियों ने मुलाकात की और निष्पक्ष जांच करने को कहा। सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने कहा कि इस मामले में शीघ्र नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।