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उत्तराखंड भू-कानून संसोधन विधेयक को मंजूरी, अब बाहरी नहीं खरीद पाएंगे जमीन
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उत्तराखंड भू-कानून संसोधन विधेयक को मंजूरी, अब बाहरी नहीं खरीद पाएंगे जमीन

– हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति नहीं खरीद पाएंगे हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि

Uttarakhand Land Law Amendment Bill approved, DDC : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने 19 फरवरी 2025 को राज्य में भू-कानून (Land Law) को मंजूरी दे दी। जिसके तहत अब उत्तराखंड से बाहर के लोग उत्तराखंड में बगैर सरकार की अनुमति के जमीन नहीं खरीद पाएंगे। हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे। भाजपा प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सशक्त भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए बुधवार को कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। ऐतिहासिक कदम न सिर्फ राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखेगा।

त्रिवेंद्र सरकार के 2018 के सभी प्रावधान निरस्त
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है। बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध लगाने के साथ हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे। पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।

सीमित किए गए जिलाधिकारियों के अधिकार
भूमि खरीद से पहले शपथ पत्र अब अनिवार्य होगा। अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से भूमि खरीद की प्रक्रिया होगी। ऑनलाइन पोर्टल से भूमि खरीद की निगरानी होगी। जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा। सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

… तो जमीन अधिग्रहित कर लेगी सरकार
नगर निकाय सीमा के भीतर भू उपयोग तय कर दिया गया है। यानि नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा। यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।

भूमि खरीद की सीमा निर्धारित की गई
राज्य में अब एक व्यक्ति के पास कृषि भूमि की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। एक व्यक्ति साढ़े 12 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं खरीद सकता। इस प्रावधान का उद्देश्य बड़ी-बड़ी भूमि सम्पत्तियों के अधिग्रहण से बचना है, ताकि भूमि का समान वितरण हो सके और छोटे किसानों को भी लाभ मिले।

राज्य की प्रतिक्रिया और उम्मीदें
उत्तराखंड सरकार ने इस कानून को लागू करने से स्थानीय निवासियों और राज्य की स्थिरता के लिए सकारात्मक कदम माना है। राज्य के मुख्यमंत्री ने इसे “स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा” और “पर्यावरणीय संतुलन” को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम बताया है। इसके अलावा, सरकार का मानना है कि यह कानून राज्य में बाहरी हस्तक्षेप और भूमि विवादों की संभावना को कम करेगा, जो अक्सर बाहरी व्यक्तियों के द्वारा भूमि खरीदने और विभिन्न प्रयोजनों से उपयोग करने के कारण उत्पन्न होते हैं।

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