– एक माह से फरार अपहर्ता ने मुखानी पुलिस की हीलाहवाली का फायदा उठाते हुए तुषार पर दर्ज कराया मुकदमा
Tushar kidnapping case, DDC : एक माह पूर्व हल्द्वानी के मुखानी थानाक्षेत्र में यूपी के कार सवारों ने अपहरण की दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया। मामले में पुलिस के लचर रवैये का खामियाजा अब उस पीड़ित को भरना पड़ रहा है, जो मरणासन्न हालत में यूपी के बांदा में सड़क किनारे पड़ा मिला था। पुलिस लगातार दावा कर रही थी कि वह जल्द ही फरार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लेंगे और इस बीच मुख्य अपहरणकर्ता ने पीड़ित तुषार पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया। जबकि वह अभी भी अस्पताल में भर्ती है।
तल्ली बमौरी गली नंबर एक मुखानी निवासी तुषार लोहनी पुत्र गिरीश चंद्र लोहनी का अपहरण बीती 6 मई को कालाढूंगी रोड स्थित ईएनटी हॉस्पिटल के पास हुआ था। यूपी 96 जे 4013 नंबर की कार में सवार पांच लोगों ने तुषार को सड़क पर खींचते और बुरी तरह पीटते हुए उसे अगवा किया। 7 मई को गिरीश चंद्र लोहनी ने थाना मुखानी में अलोक रंजन तिवारी और कपिल तिवारी के मुकदमा दर्ज कराया।
मामले से जुड़ा एक सीसीटीवी भी वायरल हुआ। 10 मई की शाम पुलिस ने तुषार को अर्धमृत अवस्था में बांदा के आसपास सड़क से बरामद किया। जिसके बाद पुलिस ने अलोक के पिता दयाशंकर तिवारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन वो दो लोग आलोक रंजन तिवारी और कपिल तिवारी नहीं पकड़े गए, जिन पर मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस लगातार दावा करती रही कि फरार दोनों आरोपियों की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं, जबकि असल में दोनों खुलेआम घूम रहे थे। इस बीच 23 मई को महोखर, बांदा उत्तर प्रदेश निवासी मुख्य अपहरणकर्ता आलोक रंजन तिवारी ने तुषार और आयत उर्फ सालिनी के खिलाफ थाना भुपानी फरीदाबाद में मुकदमा दर्ज करा दिया। आलोक ने तुषार और आयत के खिलाफ 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। मुखानी थानाध्यक्ष दिनेश जोशी का कहना है कि आलाधिकारियों से इजाजत लेकर आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीम रवाना की जा रही है।
केस प्रॉपर्टी कार तक बरामद नहीं कर सकी पुलिस
जिस कार से तुषार का अपहरण किया गया, उस कार में सवार पांच लोग उत्तर प्रदेश से सुबह-सुबह हल्द्वानी पहुंच गए। रेकी की और फिर सरेआम तुषार का अपहरण कर लिया। घटना न सिर्फ घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी में कैद हुई, बल्कि हल्द्वानी से बांदा के बीच लगे सैकड़ों सीसीटीवी और टोल प्लाजा में नजर आई। पुलिस ने तेजी दिखाई और तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन केस प्रॉपर्टी कार और दोनों मुख्य आरोपियों की गिरफ्तार नहीं कर सकी।
पीड़ित के पिता ने मानवाधिकारी से लगाई गुहार
तुषार के पिता गिरीश चंद्र लोहनी का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने उनसे सीधे मुंह बात तक नहीं कर रही। जब वह सीओ और फिर एसपी सिटी तक गुहार लगा चुके हैं। मजबूर होकर उन्हें तब उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग से गुहार लगानी पड़ी जब पुलिसिया हीलाहवाली के बीच आरोपी ने बेटे के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा दिया। उन्होंने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया है। मामले की निष्पक्ष जांच, पक्षपाती पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
इंस्टाग्राम पर एक्टिव, एसएसपी को मेल भी किया
गिरीश चंद्र लोहनी ने पुलिस पर और भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि मुखानी पुलिस जिसे फरार बता रही थी वो आराम से इंस्टाग्राम चला रहा था। न सिर्फ इंस्टाग्राम चला रहा था बल्कि उसने एसएसपी को मेल तक भेजा। वो उत्तर प्रदेश से दिल्ली तक लगातार सफर करता रहा और अंत में तुषार पर मुकदमा दर्ज करा दिया। उन्होंने फरीदाबाद के भोपानी थाना और वहां से अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।