अब्दुल मलिक की जालसाज बीवी ने जिन्दा किया मुर्दा, कम्पनी बाग़ को बना डाला मलिक का बगीचा

– बनभूलपुरा में 13 बीघा सरकारी जमीन हड़पने के लिए मर चुके नबी को जिंदा कर कंपनी बाग को बनाया मलिक का बगीचा 

Abdul Malik’s fraudster wife Sajiya, DDC : मलिक का बगीचा के नाम से हल्द्वानी शहर में न कभी जमीन थी न कहीं है। बनभूलपुरा दंगे के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक और उसकी बीवी साफिया मलिक ने अपने गुर्गों के साथ मिल कर उस मुर्दे को कई साल बाद जिंदा कर दिया, जिसे 13 बीघा जमीन बाग के लिए लीज पर मिली थी। इसी मुर्दे को कागजों में फिर से जिंदा कर आरोपियों ने कंपनी बाग की इस 13 बीघा जमीन को मलिक का बगीचा बना डाला, लेकिन अब इनकी गर्दन पर कानून का शिकंजा और कस चुका है।

मामले में जानकारी देते हुए नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि कंपनी बाग की 13 बीघा जमीन को खुर्द-बुर्द करने के लिए अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक सहित छह लोगों ने कागजों में षड्यंत्र रचा। ये 13 बीघा जमीन नबी रजा खां को बाग के लिए लीज पर मिली थी। नबी के मरने के बाद उसके नाम से आरोपियों ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया। जब नबी जमीन का फ्री होल्ड नहीं हुई तो 10 रुपये से 100 रुपये के स्टांप पर जमीन को टुकड़े-टुकड़े कर बेच डाला गया। नगर निगम ने इस जमीन से संबं​धित कागजों की जांच की तो कई तथ्य चौकानें वाले सामने आए।

मलिक का बगीचा की निगम में कंपनी बाग नाम से नजूल अनुभाग में फाइल है। नबी खां को ये बाग लीज में मिला था। सईदा बेगम पत्नी नबी रजा खां, सलीम रजा खां पुत्र नबी रजा खां, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां ने 1991 में अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हल्द्वानी एक शपथ पत्र दिया था। जिसमें कहा था कि ​नबी रजा खां की मृत्यु 3 अक्तूबर 1988 को हो गई थी। इसी झूठे शपथ पत्र के आधार पर रिट भी डाली गई।

नबी की मौत के 19 साल बाद डाली गई रिट
नबी रजा खां की मौत वर्ष 1988 में हो गई थी। जबकि वर्ष 2007 में कोर्ट में एक रिट अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां और नबी रजा खां पुत्र अशरफ खां की ओर से डाली गई। इस रिट में जो शपथ पत्र नोटरी किया लगाया गया, उसमें नबी रजा खां की उम्र 55 वर्ष दर्शायी गई। ये शपथ पत्र 9 अगस्त 2007 को सत्यापित कराया गया।

रिट में नबी रजा खां और अख्तरी बेगम की ओर से जिलाधिकारी को फ्री होल्ड के लिए भेजे गए पत्रों को आधार बनाया गया है। ये पत्र जिला​धिकारी को 8 जून 2006 और अनुस्मारक पत्र 28 मई 2007 को भेजा गया है। अब सवाल यही है कि जब नबी 1988 में ही मर गए थे तो उनके नाम से रिट किसने डाली? शपथ पत्र कैसे बना और कैसे सत्यापित हो गया?

ऐसे रडार पर आई मास्टर माइंड की बीवी
अब्दुल मलिक की पत्नी साफिया मलिक ने 2024 में एक शपथ पत्र न्यायालय को दिया है। उसमें कहा गया है कि लीज होल्डर नबी रजा खां ने उनके पिता स्व. हनीफ खां को 1994 में हिबा में दी थी। अब सवाल उठ रहे हैं कि जब नबी रजा खां 1988 में मर गए थे तो 1994 में हिबा में ये जमीन कैसे साफिया मलिक को मिली।

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