गोमूत्र टैंक साफ करने उतरे दंपती की जहरीली गैस से मौत

– पति को टैंक में पड़ा देख उतरी पत्नी की भी गई जान, पीलीभीत के रहने वाले थे दंपति, गौशाला में करते थे काम

Couple dies due to poisonous gas from cow urine tank, DDC : मुखानी थाना क्षेत्र के विकासनगर बिठौरिया नंबर एक में दिल दहला देने वाली घटना घटी। गोमूत्र टैंक की सफाई करने गए पति का मिथैन गैस से दम घुट गया। पत्नी को बचाने पत्नी टैंक में उतरी तो उसका भी दम घुट गया। दोनों को पहले निजी अस्पताल और फिर डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में मुआवजे को लेकर जमकर हंगामा हुआ। वहीं परिवार में दो मौतों से कोहराम मचा है।

टीनशेड में तीन बच्चों के साथ रहते थे दंपति
आदर्शनगर मुखानी निवासी जगदीश जोशी की विकासनगर बिठौरिया नंबर में गौशाला है। यहां मवेशियों की देखरेख पिछले छह साल से ग्राम भसूडा थाना बीसलपुर पीलीभीत बरेली उत्तर प्रदेश निवासी मटरू लाल करता थे। मटरू गौशाला के पास बने टीनशेड में अपनी पत्नी रानी व बच्चे रजत, संजय व मीनाक्षी के साथ रहते थे। गौशाला में गौमूत्र एकत्र करने का भूमिगत टैंक बना है।

टैंक में उतरते ही बेहोश हो गया मटरू
पुलिस के मुताबिक रविवार सुबह मशीन से टैंक खाली कराया गया। तल में गंदगी बची तो मटरू टैंक में उतर गया। टैंक मिथैन गैस से भरा था और टैंक में उतरते ही मटरू बेहोश हो गया। मटरू को बचाने के लिए पत्नी रानी भी टैंक में उतर गई और वह भी बेहोश हो गई। लोगों ने दोनों को निजी अस्पताल के बाद डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया।

एसटीएच में मुआवजे को लेकर हुआ हंगामा
यहां मौत की पुष्टि होने के बाद परिजनों व साथियों ने मुआवजे के लिए हंगामा कर दिया। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और समझाबुझा कर लोगों का शांत कराया। मुखानी थानाध्यक्ष पंकज जोशी ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से मामले में अभी तहरीर नहीं मिली है। आक्रोशित परिजनों को समझाबुझा कर शांत किया गया है और तहरीर मिलने पर कार्रवाई का भरोसा दिया गया है।

गौशाला में ताक पर मानक, शव ले जाने के बदले मांगे पांच लाख
हल्द्वानी : जिस गौशाला में मटरू परिवार के साथ रहता और काम करता था, उसे मानकों पर ताक पर रख कर बनाया गया था। कहीं भी सीवर टैंक बनाने के लिए भी अनुमति लेनी होती है, लेकिन पीड़ित पक्ष का कहना है कि गौशाला में टैंक बनाने की इजाजत नहीं ली गई थी। वहीं गौशाला में जिस हालत में मवेशियों को रखा था, वह भी नियमों के विपरीत था।

इधर, परिजन पोस्टमार्टम कराने को राजी तो हो गए, लेकिन शव ले जाने को राजी नहीं हुए। मुआवजे को लेकर परिजनों की गौशाला स्वामी से तीखी बहस भी हुई। गौशाला मालिक डेढ़ लाख देने को तैयार हो गया, लेकिन परिजन पांच लाख की मांग कर रहे थे।

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