– उत्तर प्रदेश में बलिया स्थित सागरपाली में खोदा जा रहा तीन हजार मीटर गहरा कुआं
Crude oil and gas reserves found in India, DDC : भारत में कच्चे तेल और गैस का एक बड़ा भंडार मिला है। यह भंडार बलिया में सागरपाली में मिला है और अब ऑइल एंड नैचुरल गैस कॉपोरेशन (ओएनजीसी) ने तेल निकालने के लिए खोदाई शुरू कर दी है। जिस जमीन के नीचे यह भंडार है, वह जमीन देश में सबसे पहले बलिया को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के वारिसों की है। इस जमीन पर तीन हजार मीटर गहरा कुआं खोदा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अगर यहां से रिपोर्ट पॉजिटिव मिली तो गंगा बेसिन में फिर कई स्थानों पर खोदाई शुरू की जाएगी।
ओएनजीसी ने तीन साल लगातार तक बलिया से लेकर प्रयागराज तक गंगा बेसिन में सैटलाइट, भू-रासायनिक, गुरुत्वार्षण-चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (एमटी) सर्वेक्षण कराया था। सर्वे रिपोर्ट में बेसिन की गहराई में बड़े तेल व गैस भंडार होने का पता चला था। रिपोर्ट के मुताबिक इस भंडार की बदौलत देश दशकों तक कच्चे तेल और गैस के मामले में आत्मनिर्भर हो सकता है।
अब ओएनजीसी ने केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से एनओसी यानी अनुमति हासिल कर सागरपाली में खोदाई शुरू कराई है। इसके लिए क्रेन, बड़ी मशीनें और अत्याधुनिक उपकरण मंगाए गए हैं। खोदाई के लिए करीब आठ एकड़ एरिया को बाड़ लगाकर घेर दिया गया है। तीन हजार मीटर गहरी बोरिंग के लिए रोजाना 25,000 लीटर पानी का इस्तेमाल हो रहा है। उम्मीद है कि अप्रैल के आखिर तक तेल भंडार की सतह तक बोरिंग का काम पूरा हो जाएगा।
10 लाख सालाना के पट्टे पर ली जमीन
ओएनजीसी ने स्वतंत्रता सेनानी चितू पांडेय के वारिसों की करीब साढ़े छह एकड़ जमीन सालाना दस लाख रुपये के भुगतान पर पट्टे पर ली है। अभी पट्टा तीन साल के लिए हुआ है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो तेल निकालने का प्लांट लगाने के लिए इस जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जमीन के स्वामी नील पांडेय ने बताया कि अगर खोदाई में तेल मिल जाता है तो आसपास की जमीनों का भी ओएनजीसी अधिग्रहण करेगी। ऐसे में किसानों को बहुत फायदा होगा।
300 किलोमीटर में फैला है तेल का भंडार
ओएनजीसी के कराए गए सर्वे के मुताविक कच्चे तेल और गैस का अकूत भंडार बलिया के सागरपाली गांव से प्रयागराज फाफामऊ तक करीब 300 किलोमीटर में फैला है। इस भंडार के मिलने पर भारत की तेल के मामले में अरब व अन्य देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी। इस विशाल भंडार से कई दशकों तक तेल और प्राकृतिक गैस मिलती रहेगी।