– भारद्वार ज्वैलर्स के मालिक तरुण भारद्वाज और लोन आवेदक मो.अजहर वारसी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
Gold loan taken against fake gold, DDC : हल्द्वानी के शातिर सुनारों की कारगुजारी का एक बार फिर खुलासा हुआ। इस शातिर सुनार ने गोल्ड लोन के लिए आवेदन करने वाले जालसाज के साथ मिलीभगत कर नकली सोने को असली बता दिया। अपने अधिकृत सुनार पर भरोसा कर केनरा बैंक ने गोल्ड लोन जारी कर दिया, लेकिन जब एक और अधिकृत सुनार से जांच कराई तो मामला खुल गया। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई तब की, जब बैंक मैनेजर ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
भारद्वाज ज्वैलर्स ने बताया जेवर असली हैं
बरेली रोड स्थित कैनरा बैंक के शाखा प्रबंधक संजय पांडेय ने बताया कि वर्ष 2023 में वार्ड नंबर 14 नई बस्ती हल्द्वानी निवासी मो. अजहर वारसी ने बैंक में गोल्ड लोन के लिए आवेदन किया। लोन के एवज में अजहर ने बैंक को दो कंगन, एक चेन और दो टाप्स दिए। जेवर गिरवी रखने से पहले बैंक ने सोने के जेवर की शुद्धता जांच कराई। दुर्गा कालोनी धानमिल बरेली रोड स्थिति भारद्वाज ज्वैलर्स बैंक का अधिकृत ज्वैलर्स है, जिसके संचालक तरुण भारद्वाज ने जेवर की जांच की।
दूसरे अधिकृत ज्वैलर्स की जांच में निकले नकली
जांच के बाद तरुण ने उक्त जेवर असली सोने के बताए और साथ ही बैंक को बताया कि जेवर की कुल कीमत 1.40 लाख है। ज्वैलर्स की संस्तुति के बाद बैंक ने लोन के आवेदक अजहर को 1.40 लाख रुपये का गोल्ड लोन दे दिया। नियमत: तीन माह बाद 29 मई को बैंक ने गिरवी रखे जेवर की दोबारा जांच कराई। बैंक ने जेवर वार्ड नंबर 14 आदर्श कालोनी रुद्रपुर के दूसरे अधिकृत ज्वैलर्स रमेश चंद्र से कराई। तब पता चला कि गिरवी रखा गया सोना नकली है और उसकी शुद्धता सिर्फ 8 प्रतिशत है।
न कोतवाली पुलिस ने सुनी और न ही एसएसपी ने
जिसके बाद बैंक मैनेजर संजय पांडे ने मामले की शिकायत लेकर कोतवाली हल्द्वानी पहुंचे। कार्रवाई नहीं हुई तो वह एसएसपी के पास पहुंचे, लेकिन कार्रवाई फिर भी नहीं हुई। मजबूर होकर बैंक मैनेजर ने कोर्ट की शरण ली। कोतवाल उमेश कुमार मलिक ने बताया कि कोर्ट के आधार पर आरोपित ज्वैलर्स व लोन आवेदक के विरुद्ध धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।