– एसओजी की गिरफ्त में आया गुर्गा, गुर्गे के निशानदेही पर असली तस्कर की दुकान पर छापा
Seizing narcotic pills and capsules, DDC : नैनीताल जिले में नशीले इंजेक्शन और कैप्सूल के अब तक के सबसे बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। एसएओजी के हत्थे चढ़े एक गुर्गे की मदद से पुलिस बनभूलपुरा में दुबके बड़े तस्कर तक पहुंची। यहां तस्कर की मोमबत्ती की दुकान में छापेमारी की गई तो हजारों की संख्या में नशीले कैप्सूल और इंजेक्शन बरामद हुए। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तारी की है।
सोमवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि नशीले इंजेक्शन और कैप्सूल की तस्करी के मामले में एसओजी और बनभूलपुरा पुलिस ने इंद्रानगर बड़ी मस्जिद बनभूलपुरा निवासी जैनुल आब्दीन पुत्र मो.उस्मान और लाइन नंबर 7 सुनहरी मस्जिद पूर्वी गली बनभूलपुरा निवासी मो.इकराम पुत्र अब्दुल मनान को गिरफ्तार किया है। बताया, 2 फरवरी को एसओजी प्रभारी संजीत राठौर और कांस्टेबल संतोष बिष्ट ने नैनीताल रोड पर नगर निगम के पास स्थित शांतिनगर को जाने वाली गली से जैनुल आब्दीन को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 600 नशीली गोलियां और 480 कैप्सूल बरामद किए।
पूछताछ में जैनुल ने बताया कि बरामद नशीली गोलियां और कैप्सूल वह लाइन नंबर 7 में रहने वाले इकराम से खरीद कर लाया था। एसओजी ने आरोपी को कोतवाली में दाखिल किया और बनभूलपुरा से संपर्क साधा। जिसके बाद पुलिस ने इकराम की सुनहरी मस्दिज के पूर्वी गली में स्थित मोमबत्ती की दुकान में छापा मार दिया। दुकान में इकराम मौजूद मिला और जब दुकान की तलाशी ली गई तो 4 डिब्बों में 960 नशीले कैप्सूल और 15 डिब्बों में 4500 नशीली गोलियां बरामद कीं।
एसओजी और पुलिस टीम में एसओजी प्रभारी संजीत राठौड़, थानाध्यक्ष बनभूलपुरा नीरज भाकुनी, एसआई नरेन्द्र कुमार, एएसआई पुष्कर आर्या, हेड कांस्टेबल ललित श्रीवास्तव, कांस्टेबल चन्दन नेगी, राजेश बिष्ट, मो. अजहर, सतबीर सिंह, अरविन्द बिष्ट, संतोष बिष्ट और करिश्मा मेहता थीं। एसएसपी ने पुलिस टीम को ढाई हजार रुपए इनाम की घोषणा की है।
मुरादाबाद से रसूखदार केमिस्ट से आई थी खेप
मोमबत्ती की दुकान चलाने वाला इकराम पुलिस के हत्थे चढ़ा तो कुछ ही देर में सब कुछ उगलने लगा। उसने पुलिस को बताया कि बरामद माल वह ठाकुरद्वारा मुरादाबादा उत्तर प्रदेश के केमिस्ट से लाया था, लेकिन बिना बिल के। पुलिस ने ठाकुरद्वारा पुलिस से संपर्क साधा और उक्त केमिस्ट के बारे में जानकारी जुटाई तो पता लगा कि ठाकुरद्वारा में केमिस्ट का बड़ा कारोबार है और उसकी आम शोहरत अच्छी है। अब पुलिस ने उक्त केमिस्ट के बार में पड़ताल शुरू कर दी है।
बस के जरिये हल्द्वानी लाई जाती है नशे की खेप
ठाकुरद्वारा वाला न तो माल बनभूलपुरा लेकर आता था और न ही बनभूलपुरा का इकराम माल की डिलीवरी लेने ठाकुरद्वारा जाता था। इसकी वजह थी पुलिस के पकड़ से बचना। इसके लिए वह बसों का इस्तेमाल करते थे। ठाकुरद्वारा से कई दवाओं के कई कार्टून के बीच नशीली दवाओं का कार्टून भी बसों में लोड कर भेज दिया जाता है। पुलिस की मानें तो बस चालक, परिचालक को पता नहीं होता कि कार्टून में क्या है। हालांकि यह भी सच है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट तस्करी का आसान जरिया बन चुका है।
चिकित्सक की हां के बिना नहीं बिक सकती डोज
पुलिस और एसओजी ने जो कैप्सूल और गोलियां बरामद की हैं, वह किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीदी जा सकती है, लेकिन किसी आम दर्द निवारक दवा की तरह इन दवाओं को नहीं खरीदा जा सकती। इनकी खरीद के लिए चिकित्सक का पर्चा होना अनिवार्य है और पर्चे में लिखे तय डोज से एक भी डोज अतिरिक्त नहीं दी जा सकती। मेडिकल स्टोर संचालक भी स्टोर में बिना बिल इन दवाइयों को नहीं रख सकता। ऐसा मिलने संचालक के स्टोर का लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है।