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विजिलेंस के रडार पर रिश्वतखोर, खुली जांच में फंस रहे 6 अफसर

– आय से अधिक संपत्ति जोड़ने वाले छह अधिकारियों की खुली जांच शुरू, ऊधमसिंहनगर के दो अधिकारियों की मिल चुकी है आय से अधिक संपत्ति

Corrupt officers of Uttarakhand, DDC : मलाईदार पदों पर रहकर बेहिसाब संपत्ति जुटाने वाले अफसरों के अच्छे दिन जाने वाले हैं। कुमाऊं के विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दे रहे ऐसे 6 अफसर विजिलेंस के रडार पर हैं, जिन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। इन सभी के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच चल रही है। सूत्र बताते हैं कि विजिलेंस को इन सभी के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले हैं।

बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी व सेवानिवृत जनजाति निदेशालय के उपनिदेशक अनुराग शंखधर पहले ही विजिलेंस की जांच में फंस चुकी है। जांच में विजिलेंस को अनुराग की संपत्ति आय से 54 प्रतिशत अधिक मिली है। जबकि ऊधमसिंहनगर के जिला सहकारी बैंक से सेवानिवृत्त हुए बैंक प्रबंधक राकेश कुमार सोनी की संपत्ति आय से 42 प्रतिशत अधिक मिल है। दोनों की आय से अधिक संपत्ति की जांच हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस ने की है। इन दोनों के खिलाफ विजिलेंस के हल्द्वानी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज हो चुकी है।

वहीं ताजा मामलों में बताया जा रहा है कि कुमाऊं के विभिन्न जिलों में तैनात छह अधिकारियों की संपत्ति की खुली जांच चल रही है। इसमें चार अधिकारी नैनीताल जिले के हैं। ये अधिकारी प्रशासनिक, परिवहन व राजस्व विभाग में अहम पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। खुली जांच की रिपोर्ट दोबारा शासन को भेजी जाएगी। जांच रिपोर्ट के आडिट के बाद ही विजिलेंस डायरेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी तय करेगी कि एफआईआर होनी है या नहीं।

गोपनीय जांच में ही उखड़ने लगी थीं भ्रष्टाचार की परतें
खुली जांच से पहले विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में गोपनीय जांच की थी और गोपनीय जांच में भ्रष्टाचार की परतें उखड़ने लगी थीं। गोपनीय जांच पूरी होने पर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई। शासन में बनी कमेटी ने रिपोर्ट का आडिट किया और खुली जांच के आदेश दिए। अब खुली जांच जारी है और बताया जा रहा है कि विजिलेंस को आरोपी अधिकारियों के खिलाफ ठोस सुबूत मिल चुके हैं।

पहली पोस्टिंग से लेकर अब तक हिसाब-किताब लगा रही विजिलेंस
जिन छह अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस खुली जांच कर रही है उनके एक-एक रुपये का हिसाब-किताब किया जा रहा है। यानी अधिकारियों को नौकरी मिलने के बाद पहली पोस्टिंग से लेकर अब तक उन्हें तनख्वाह के तौर पर कितने पैसे मिले और अब उनके पास कितने पैसे हैं। पैसों के अलावा उनके या उनके परिवार के नाम पर कितनी चल-अचल संपत्तियां हैं। इसकी पुष्टि के लिए विजिलेंस ने अधिकारियों के बैंक खातों, बीमा, राजस्व आदि विभागों से ब्यौरा मांगा है।

गोपनीय जांच के बाद आरोपी अधिकारियों के खिलाफ खुली जांच की संस्तुति की गई थी। सभी के खिलाफ जांच जारी है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है तथ्य सामने आ रहे हैं। जांच पूरी होने पर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– वी मुरुगेशन, डायरेक्टर, विजिलेंस

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