चवन्नी का इलाज और रुपया वसूला, बृजलाल समेत 10 हॉस्पिटल्स ने किया घोटाला

– कर्मचारी राज्य बीमा योजना की निदेशक ने पकड़ा घोटाला, सभी ईएसआई की सूची से बाहर

Scam hospital of Uttarakhand, DDC : कर्मचारी और उनके परिवार की सहूलियत के लिए ईएसआई यानी राज्य कर्मचारी बीमार योजना है। इसके तहत कर्मी बिना पैसों के अस्पताल में इलाज करा सकता है और अस्पताल प्रबंधन इसका फायदा उठाता है। इलाज चवन्नी का करते हैं और सरकार के पास बिल रुपये का भेज देते हैं। उत्तराखंड में ऐसे ही 10 घोटालेबाज अस्पताल पकड़ में हैं, जिनमें से एक हल्द्वानी का बृजलाल हॉस्पिटल भी है। ऐसे ही 10 अस्पतालों को ईएसआई ने निलंबित कर दिया है।

कर्मचारी राज्य बीमा योजना की निदेशक दीप्ति सिंह ने शनिवार 4 मई को जारी अपने आदेश में फर्जीवाड़ा कर रहे दस अस्पतालों को निलम्बित कर दिया। काशीपुर के केवीआर, कृष्णा अस्पताल और कृष्णा मेडिकल सेंटर समेत उत्तराखंड के 10 हॉस्पिटल को ईएसआई ने अधिकृत सूची से हटा दिया। ये चिकित्सा संस्थान मरीजों के उपचार में चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावे और बिल सामान्य से अधिक पाए गए।

कर्मचारी राज्य बीमा योजना की निदेशक दीप्ति सिंह ने 4 मई को आदेश जारी कर इन दस अस्पतालों को निलम्बित कर दिया। निदेशालय, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा सेवाएं, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत आच्छादित बीमांकितों एवं उनके आश्रितों को द्वितीयक स्तरीय चिकित्सकीय सुविधायें प्रदान कराए जाने के उद्देश्य से नगद रहित योजना के तहत निर्धारित नियम एवं शर्तों के अधीन निजी चिकित्सा संस्थानों को अनुबन्धित किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुबन्धित चिकित्सा संस्थानो के द्वारा यू.टी.आई. पोर्टल पर जमा किये गए देयकों की समीक्षा उपरांत संज्ञान में आया है कि कतिपय अनुबन्धित चिकित्सा संस्थानों से प्राप्त चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों में भर्ती के मामलों में आने वाले उपचार का व्यय सामान्य से कहीं अधिक है, जिनका विवरण निम्नवत् हैः-

ईएसआई से घोटाला करने वाले उत्तराखंड के अस्पताल
ईएसआई से घोटाला करने वाले उत्तराखंड के अस्पताल

उपरोक्त निजी चिकित्सा संस्थानों के सम्बन्ध में सम्यक विचारोंपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि उक्त चिकित्सा संस्थानों को तत्काल प्रभाव से अग्रेत्तर आदेशों तक निलंबित किया जाता है। साथ ही उक्त चिकित्सा संस्थानों को निर्देशित किया जाता है कि इस सम्बन्ध में अपना पक्ष एक माह के भीतर निदेशालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। सम्बन्धित चिकित्सा संस्थानों में पूर्व से चिकित्सा उपचार प्राप्त कर रहे भर्ती मरीजों का उपचार यथावत जारी उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top