51 दिन बाद जंगल में मिली 15 साल के लापता भाष्कर की लाश

भाष्कर का फाइल फोटो और पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद उसके परिजन।

– शीतला माता मंदिर के पास सड़क से चार किमी दूर गधेरे में औंधे मुंह पड़ा था शव

Missing Bhaskar’s body found, DDC : फरवरी में घर से स्कूल के लिए निकले छात्र भाष्कर की सोमवार को लाश मिली। घास काटने गई महिला ने जंगल में शव देखा। गधेरे में औंधे मुंह पड़ा शव बुरी तरह फूल चुका था। शरीर पर मौजूद कपड़ों से शव की पहचान की गई। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद काठगोदाम पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

मूलरूप से पोखरी पुट धारी भीमताल निवासी सुभाष दुम्का यहां पत्नी व दो बेटियों के साथ रहते हैं। जबकि सुभाष का 15 वर्षीय बेटा भाष्कर शिवपुरी जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा में रहने वाला फूफा मोहन सनवाल के घर रहकर पढ़ाई करता था। वह आवास विकास स्थित स्कूल में कक्षा नौ का छात्र था। परिजनों के मुताबिक बीती 17 फरवरी की सुबह 8:30 बजे भाष्कर घर से स्कूल के लिए निकला था। जब स्कूल की छुट्टी का समय भी गुजर गया, तब परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। परिजन स्कूल पहुंचे तो पता लगा कि स्कूल बंद था और सिर्फ पैरेंट्स मीटिंग थी।

काठगोदाम पुलिस ने जांच शुरू की तो उसे आखिरी बार नैनीताल रोड स्थित शीतला माता मंदिर के पास लगे सीसीटीवी में देखा गया। वह शीतला माता मंदिर की ओर जाते और फिर वापस आते नजर आया। तभी से वह न तो कहीं सीसीटीवी में नजर आया और न ही उसकी कोई सूचना मिली। इधर, बीते सोमवार की दोपहर एक महिला शीतला माता मंदिर से करीब दो किमी दूर जंगल में घास काटने पहुंची तो गधेरे में शव दिखाई दिया। उसने तुरंत इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव पूरी तरह फूल कर गल चुका था।

पुलिस को सड़क तक लेकर आई, तब शिनाख्त के लिए भाष्कर के परिजनों को बुलाया गया। परिजनों ने कपड़ों से उसकी पहचान की। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मंगलवार को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। काठगोदाम थानाध्यक्ष विमल मिश्रा ने बताया कि शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कोई लिखित शिकायत या आरोप नहीं हैं।

उन्हीं दो दोस्तों पर शक, जो कहानियां बदलते रहे
भाष्कर की गुमशुदगी के बाद अचानक उसके दो दोस्त सामने आ गए और उन्होंने भाष्कर को देखने और उससे मिलने का दावा किया। पुलिस ने जब जांच शुरू की और दोस्तों से कई बार पूछताछ की तो वह बार-बार कहानियां बदलने लगे। जिसके दोस्त दोनों दोस्त पुलिस और भाष्कर के परिजनों के खिलाफ शिकायत लेकर मंडलायुक्त दीपक रावत तक पहुंच गए। परिजनों को शक है कि दोनों दोस्तों का भाष्कर की मौत से कोई न कोई संबंध जरूर है।

गली-गली चिपकाए पोस्टर, सीएम से भी लगाई गुहार
मामले में पुलिस का ढुलमुल रवैया देखर भाष्कर के परिजनों ने तीन बार सीएम पोर्टल में शिकायत की और अधिक पुलिस बल लगाने को कहा। विधायक राम सिंह कैड़ा से भी मदद की अपील की। बता नहीं बनी तो खुद ही गुमशुदा भाष्कर को पोस्टर छपवाए। उसे हल्द्वानी से लेकर अल्मोड़ा और पूरे ऊधमसिंहनगर में घूम-घूम कर गली-गली चिपकाए, लेकिन भाष्कर की खबर कहीं से नहीं आई।

आठ फीट गहरा है गधेरा
जंगल में जिस गधेरे में भाष्कर का शव मिला वह करीब आठ फीट गहरा है। उसके नीचे झील है। अमूमन वहां तक लोग बहुत कम ही पहुंचते हैं। शव करीब एक महीने पुराना है। गधेरे में पानी भी काफी है। यही वजह रही कि शुरूआती कॉबिंग में पुलिस को शव नहीं मिल सका। पानी में कई दिनों तक पड़े रहने और कुछ दिन पहले हुई बारिश के चलते शव फूल कर जब ऊपर आया तब एक किनारे हो गया।

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