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– मेहनतकश पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड ने जारी किए निर्देश

Mules and horses will get rest, DDC : गर्मी इंसान को लगे तो राहत पाने के लिए कोई न कोई तरकीब निकाल लेता है, लेकिन पशुओं का क्या? फिर पशु जब घोड़े और खच्चर हो तब। ये ऐसे पशु हैं, जिनसे पैसे कमाने के लिए मालिक मौसम की परवाह नहीं करता। मालिक उन्हें भीषण गर्मी में भी हांकता रहता है और पशु भारी बोझ लिए बिना कुछ बोल पाए चलता रहता है, लेकिन अब पशु कल्याण बोर्ड ने पशुओं के लिए अहम फैसला लिया है।

पशु कल्याण बोर्ड ने इसको लेकर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत भीषण गर्मी के दौरान दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक वाहन खींचने और भार उठाने वाले पशुओं के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। यह निर्देश बैलगाड़ी और भार ढोने वाले पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण नियम, 1965 के नियम-6 के तहत दिए गए हैं।

एक दिन में 9 घंटे से ज्यादा नहीं करा सकते काम
दिन में 3 घंटे आराम के अलावा किसी भी पशु से 9 घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकेगा। इसके अलावा पशुओं से लगातार 5 घंटे काम कराना भी मना है। यदि तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो पशु मालिक को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। निर्देशों के उलंघन पर आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और बीएनएस के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पशुपालन विभाग के पास नहीं कार्रवाई का अधिकारी
मजे की है कि जिस पशुपालन विभाग को यह निर्देश जारी किए गए हैं, उसके पास किसी के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नही है। पशुपालन विभाग जिला स्तर पर या तो योजनाओं के क्रियांन्वयन में लगा रहता है या फिर बीमार पशुओं के इलाज में। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भी यही तर्क दिया है कि उनके पास किसी के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।

कोई शिकायत करेगा तभी मिलेगा पशुओं को इंसाफ
पशुपालन विभाग कार्रवाई के लिए पहले ही हाथ खड़े कर चुका है। पुलिस खुद किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से रही। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बेजुबानों से भीषण गर्मी में काम लेने वालों पर आखिर कार्रवाई कैसे होगी। ऐसे में आम लोगों को ही इसके खिलाफ आगे आना होगा। प्रशासन ने भी लोगों से यही अपील की है कि पशुओं का उत्पीड़न करने वालों की शिकायत करें।

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