– नियमत: शिनाख्त न होने पर 72 घंटे बाद कर दिया जाता है पोस्टमार्टम और फिर अंतिम संस्कार
Negligence towards unclaimed dead body, DDC : हल्द्वानी में लावारिस लाश के साथ लापरवाही की ऐसी इंतहा की गई कि शव 10 दिनों तक मॉर्चरी में पड़ा रहा। न तो उसकी शिनाख्त के प्रयास किए गए और न ही पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस को पीआई भेजी गई। यदि समय से पोस्टमार्टम होता तो नियमानुसार 72 घंटे तक शव का अंतिम संस्कार कर दिया। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब जाकर शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
बताया गया कि बीती एक मार्च को 108 एंबुलेंस के जरिये 50 वर्षीय व्यक्ति को डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। व्यक्ति के सिर पर चोट थी और उपचार के दौरान 13 मार्च को उसकी मौत हो गई। जिसके बाद शव को मॉर्चरी भेज दिया गया। नियम के तहत शव को मॉर्चरी भेजने के साथ ही एसटीएच प्रबंधन की ओर से मेडिकल पुलिस चौकी को पीआई भेज दी जाती है।
जिसके बाद पुलिस शव की शिनाख्त के प्रयास करती है और यदि 72 घंटे में शिनाख्त नहीं हो पाती तो फिर पोस्टमार्टम कराकर पुलिस शव का उसके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करा देती है। हालांकि ऐसा कुछ हुआ नही और 13 मार्च को मौत के बाद 19 मार्च तक शव मॉर्चरी में पड़ा रहा। 19 मार्च को पुलिस को पीआई भेजी गई। जिसके 72 घंटे बाद शव को पोस्टमार्टम कराया गया।
मेडिकल चौकी प्रभारी भूपेंद्र सिंह मेहता का कहना है कि पीआई चौकी पहुंचने के 72 घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम कराया और फिर अंतिम संस्कार कराया गया। वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अरुण जोशी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसी लापरवाही बरती गई है तो मामले की जांच कराई जाएगी। लापरवाही बरतने वाले पर कार्रवाई भी की जाएगी।