अपने बुने जाल में फंसे भुवन, खुद ही कराया खुद पर हमला

– कहा था, 15 जनवरी को दानीबंगर में काली स्कॉर्पियो सवारों ने किया था हमला, पुलिस सुरक्षा के लिए रची साजिश

Conspiracy of RTI activist, DDC : आरटीआई एक्टीविस्ट भुवन पोखरिया अपने ही बुने जाल में उलझ गए। उन्होंने खुद पर और परिवार पर हमले का आरोप लगाते हुए चोरगलिया थाने से लेकर पुलिस बहुउद्देशीय भवन तक जमकर हंगामा किया था। भुवन ने पुलिस पर हत्या कराने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया था। पुलिस ने उन पर हुए हमले की जांच की तो भुवन पोखरिया ही फंस गए। अब पुलिस ने उनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय को कार्रवाई के लिए भेजी है।

दानीबंगर मोड़ पर बताया था हमला हुआ
उम्मेदपुर नंबर 2 चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया पुत्र पीडी पोखरिया ने चोरगलिया पुलिस को बीती 15 दिसंबर को तहरीर सौंपी थी। उनका कहना था कि वह 15 दिसंबर को अपनी पत्नी और बेटी के साथ बहन के घर जा रहे थे। दानीबंगर मोड़ के पास काले रंग की स्कॉर्पियो सवार चार लोगों ने उनकी कार को रोका और तलवारों से हमला कर दिया। हमले में भुवन और उनका परिवार बच गया, लेकिन कार हमलावरों ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी। इस मामले में चोरगलिया पुलिस ने बीएनएस की धारा 126(2), 131, 324(4) मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस ने न्यायालय में प्रेषित की जांच रिपोर्ट
जिस वक्त, जिस तारीख और जिस स्थान पर यह घटना बताई गई, पुलिस वहां पहुंची। पुलिस ने घटना के वक्त वहां से गुजरने वालों को चिह्नित कर पूछताछ की। घटना स्थल व आस-पास लगे सीसीटीवी खंगाले, लेकिन भुवन पर हमले की पुष्टि नहीं। पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि भुवन ने पुलिस सुरक्षा हासिल करने के लिए हमले की झूठी कहानी गढ़ी। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि भुवन पर हमला नहीं हुआ था। बल्कि उन्होंने पुलिस सुरक्षा के लिए हमले की साजिश रची। जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित की गई है। न्यायालय से भुवन पर कार्रवाई की मांग की गई है।

दरोगा से बदसलूकी की, जाना पड़ा जेल
घटना के तीन दिन बाद भुवन अपनी पत्नी व अन्य लोगों के साथ यह कहते हुए पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंच गए कि पुलिस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही और काली स्कॉर्पियो अब भी उनका पीछा कर रही है। बहुउद्देशीय भवन में एसएसपी नहीं मिले तो भुवन ने अपना आपा खो दिया। उन्होंने अधिकारियों और समझाने पहुंचे एलआईयू के दरोगा मनोज कुमार को अपशब्द कहे। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने मनोज की तहरीर पर भुवन के खिलाफ धारा 132, 221,352 मुकदमा दर्ज किया और जेल भेज दिया था।

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