– बोले, मेरे बाल्यकाल में माताओं, बहनों को कई-कई किलोमीटर दूर से लाना पड़ता था पानी
CM Yogi in Haldwani, DDC : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हल्द्वानी पहुंचे तो उत्तराखंडियों को ये एहसास दिलाया कि वह भले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हों, लेकिन पहले उत्तराखंडी हैं। कांग्रेस के कार्यकाल में उत्तराखंड में बीते अपने बाल्यकाल को याद किया और कांग्रेस को जमकर कोसा। उन्होंने जंगल की लकड़ी से लेकर स्रोत के पानी की बात की और उन दिनों की मजबूरियां गिनाकर उत्तराखंडी माताओं-बहनों की पीड़ा को बयां किया। उनके मुंह से निकले शब्दों में भले ही यहां की महिलाओं के लिए मरहम हो, लेकिन कांग्रेस के लिए जहर लगे तीर से कम नहीं थे।
एमबी इंटर कालेज के मैदान में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ही उत्तराखंड की आराध्य मां नैना, मां नंदा देवी, मां शीतला मइया और कड़-कड़ में बसे हर हर महादेव के जयकारों से की। कहा, उत्तराखंड की जिस धरती ने उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत को जन्म दिया हो, जिस धरनी ने पं नारायण दत्त तिवारी और हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे सपूता को जन्म देकर यूपी को यशस्वी नेतृत्व दिया हो, ऐसी देवभूमि को नमन करता हूं।
कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे देवभूमि में आने का अवसर मिला है। बोले, मेरा तो बचपन उत्तराखंड में व्यतीत हुआ है। तब माता-बहनों को दो-दो, तीन-तीन किमी दूर से पानी लाना पड़ता था। चूल्हा जलाने के लिए दूर जंगल से लकड़ी लानी पड़ती थी। कांग्रेस न तो जल दे पाई और न ही चूल्हे के लिए केरोसिन उपलब्ध करा पाई। अब उज्जवला गैस कनेक्शन मिल रहा है।
हर घर जल हर घर नल योजना से घर-घर पहुंचा है। कहा, कांग्रेस ने जमरानी को सालों तक सिर्फ मुद्दा बनाए रखा। धामी सरकार आई तो उन्होंने मुझसे बात की। धामी उत्तर प्रदेश आए और हमने मिलकर सालों पुरानी समस्या का पल भर में समाधान निकाल लिया।
उत्तराखंड के पानी से उत्तम प्रदेश बना उत्तर प्रदेश
हल्द्वानी : योगी ने कहा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश का गहरा नाता है और कोई दोनों को अलग नहीं कर सकता। दोनों एक-दूसरे में रचे-बसे हैं। हां से जब नदियों को पानी आता है तो उत्तर प्रदेश पहुंचता है तो उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में सहायक होता है।
योगी बोले, देवभूमि के कंकड़-कंकड़ में शंकर
हल्द्वानी : उत्तराखंड को देवभूमि क्यों कहते हैं, योगी ने ये भी स्पष्ट किया। कहा, देवभूमि के कंकड़-कंकड़ में शंकर हैं। यहां का हर स्थल पवित्रता के भाव से भरा पड़ा है। यही वजह है कि देवताओं को भी उत्तराखंड की पवित्र भूमि पंसद है। अपने भाषण में उन्होंने बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ का भी जिक्र किया।