– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के मुखबा में की पूजा-अर्चना, हर्षिल में जनसभा को किया संबोधित
PM Modi Mukhba-Harsil Visit, DDC : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार, 6 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आग्रह पर शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के उत्तरकाशी पहुंचे। मुखबा में उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना की और हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने अपना भाषण गंगा मैया की जय से शुरू और गंगा मैया की जय पर ही खत्म किया। पीएम मोदी की अगवानी के लिए हर्षिल के लोग बड़ी संख्या में निचली घाटियों के शीतकालीन प्रवास स्थलों से अपने मूल घरों को लौटे।

हाथ में आरती लिए नजर आए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देवभूमि उत्तराखंड आने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूरी और अन्य गणमान्य जनों ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी MI-17 हेलीकॉप्टर से उत्तराखंड के हर्षिल हेलीपैड पहुंचे। यहां से वह सड़क के रास्ते मुखबा और फिर मां गंगा के मायके पहुंचे। पीएम मोदी ने मुखबा में मां गंगा की पूजा-अर्चना की। इस दौरान वह हाथों में आरती लिए नजर आए।
मोदी बोले-आप सभी से मिलकर मैं धन्य हो गया हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए माणा गांव में कुछ दिन पहले हुई दुर्घटना पर दुख जताया और दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में देश ने जो एकजुटता दिखाई है, उससे पीड़ित परिवारों को बहुत हौसला मिला है। पीएम मोदी ने कहा, “उत्तराखंड की ये भूमि, हमारी देवभूमि आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी हुई है। चारों धामों और अनंत तीर्थों से धन्य, जीवनदायिनी मां गंगा के इस शीतकालीन स्थल पर आज एक बार फिर आकर और आप सभी से मिलकर मैं धन्य हो गया हूं।”

शब्द और भाव मेरे थे, शक्ति बाबा केदारनाथ ने दी थी
पीएम मोदी ने कहा, ” जब मैं केदारनाथ के दर्शन के लिए बाबा के चरणों में गया था, तो बाबा के दर्शन-अर्जन के बाद मेरे मुंह से कुछ भाव प्रकट हुए थे और मैं बोल पड़ा था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। वे शब्द मेरे थे, भाव मेरे थे, लेकिन उनके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ ने दी थी। मैं देख रहा हूं कि बाबा केदार के आशीर्वाद से धीरे-धीरे वे शब्द सच्चाई में बदल रहे हैं। यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है।”
आखिर नहीं, अब यह हमारे प्रथम गांव हैं
पीएम मोदी ने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव कहा जाता था। हमने यह सोच बदल दी। हमने कहा यह हमारे आखिरी गांव नहीं है, अब यह हमारे प्रथम गांव हैं। हमने वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की है। कहा, चीन ने 1962 में जब भारत पर हमला किया तो जादुंग गांव को खाली करा दिया गया था, तब से यह गांव खाली था। हमने इन गांवों को फिर से बसाने और टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने का अभियान चलाया है।

उत्तराखंड में कोई भी मौसम ऑफ सीजन नहीं होना चाहिए
पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड की प्रगति के लिए यहां नए रास्ते खुल रहे हैं। जिन आकांक्षाओं के साथ उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए हमने जो संकल्प लिए थे, वह संकल्प आज नई सफलताओं की ओर बढ़ते हुए सिद्ध हो रहे हैं। शीतकालीन पर्यटन इस दिशा में एक और बड़ा अहम कदम है, इसके जरिए उत्तराखंड की आर्थिक संभावनाओं को साकार करने में मदद मिलेगी।” पर्यटन क्षेत्र में विविधता लाना बहुत जरूरी है। इसे बारहमासी, 365 दिन बनाए रखना होगा। उत्तराखंड में कोई भी मौसम ऑफ-सीजन नहीं होना चाहिए। हर मौसम में पर्यटन चालू रहना चाहिए।
मोदी बोले- घाम तापो पर्यटन, खूब बजी तालियां
सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है। सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है। यह स्पेशल इवेंट बन सकता है। गढ़वाली में इसे क्या घाम तापो पर्यटन कहेंगे? पीएम मोदी के ये कहते ही वहां सीटियां बजने लगीं। उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही है। चार धाम ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेसवे, राज्य में रेलवे, विमान और हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार, 10 सालों में उत्तराखंड में तेजी से विकास हुआ है। कल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड के लिए केदारनाथ रोपवे परियोजना और हेमकुंड रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है।