– सपा के प्रदेश प्रभारी बोले, सुप्रीम कोर्ट की भांति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए गरीब जनता के हित में लेना चाहिए निर्णय
Decision in railway land case, DDC : बनभूलपुरा बनाम रेलवे भूमि प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का समाजवादी पार्टी उत्तराखंड के प्रभारी हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने स्वागत किया है। साथ ही कहा है कि यदि रेलवे रिटर्निंग वॉल बना दे तो बनभूलपुरा के लोगों को उक्त भूमि से हटाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने सरकार और रेलवे से भी सुप्रीम कोर्ट की भांति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए गरीब जनता के हित में फैसला लेने की अपील की है।
सर्वे कर चार सप्ताह में शपथ पत्र दे रेलवे
24 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी रेलवे प्रकरण के संबंध में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की। आदेशित किया कि रेलवे चार सप्ताह में एक सर्वे कर शपथ पत्र न्यायालय में दाखिल करे, जिसमे कितनी लंबाई व चौड़ाई रेलवे को अपने विस्तार के लिए चाहिए। साथ ही इसमें स्पष्ट सभी रेवेन्यू से संबंधित खेत व खसरा नंबर लिखे गए हो। इसमें प्रभावित जनता को किस तरह से और कहा पुनर्वास किया जायेगा का भी पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं।
11 सितंबर को अलगी सुनवाई
11 सितंबर 2024 को सुनवाई की अगली तिथि नियत करते हुए सभी संबंधितों को न्यायालय में उपस्थित रहने के आदेश दिए गए है। अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी की याचिका पर सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजलविस, प्रशांत भूषण, अक्षत कुमार, कवलप्रीत कौर, रिया यादव, उमेश कुमार आदि व अन्य याचिकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा, सलमान ख़ुर्शीद, सरदार संप्रीत सिंह आदि मौजूद रहे।
न स्टेशन को खतरा होगा, न उजाड़ने पड़ेंगे आशियाने
याचिकाकर्ता मतीन सिद्दीक़ी का कहना है कि यदि रेलवे गोला नदी की ओर से बनने वाली रिटर्निंग वॉल को सही से बनवा दे तो फिर कही भी रेलवे को भूमि की जरूरत नही है। सिद्दीक़ी ने कहा कि रेलवे व प्रदेश सरकार को भी उच्चतम न्यायालय की भाँति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए ग़रीब जनता के हित में निर्णय लेने चाहिये। मात्र एक रिटर्निंग वॉल बनने से ही सारी समस्या का हल निकल सकता है। जिसके बनने के बाद न तो रेलवे स्टेशन को कोई ख़तरा होगा और न ही किसी के आशियाने को उजाड़ने की ज़रूरत पड़ेगी।